जिसे लिखता है सूरज : निदा फ़ाज़ली

जिसे लिखता है सूरज : निदा फ़ाज़ली

जिसे लिखता है सूरज वो आयी! और उसने मुस्कुरा के मेरी बढ़ती उम्र के सारे पुराने जाने अनजाने बरस पहले … Continue reading जिसे लिखता है सूरज : निदा फ़ाज़ली

गज़ल – निदा फ़ाज़ली

गज़ल – निदा फ़ाज़ली

सफ़र को जब भी किसी दास्तान में रखना क़दम यक़ीन में मंज़िल गुमान में रखना  जो साथ है वही घर का … Continue reading गज़ल – निदा फ़ाज़ली

कुछ अशआर, नज़्म – निदा फ़ाज़ली

कुछ अशआर, नज़्म – निदा फ़ाज़ली

यूँ लग रहा है जैसे कोई आस-पास है वो कौन है जो है भी नहीं और उदास है  मुमकिन है लिखने … Continue reading कुछ अशआर, नज़्म – निदा फ़ाज़ली

देखा हुआ सा कुछ है तो सोचा हुआ सा कुछ – निदा फ़ाज़ली

देखा हुआ सा कुछ है तो सोचा हुआ सा कुछ हर वक़्त मेरे साथ है उलझा हुआ सा कुछ होता … Continue reading देखा हुआ सा कुछ है तो सोचा हुआ सा कुछ – निदा फ़ाज़ली

निदा फ़ाज़ली – चुनिंदा अशआर

ज़िन्दगी की सच्चाइयों को खूबसूरती से पेश करनेवाले निदा फ़ाज़ली मेरी नज़र में उजालों के , उम्मीदों के शायर है … Continue reading निदा फ़ाज़ली – चुनिंदा अशआर