क्यूँ नूर-ए-अबद दिल में गुज़र कर नहीं पाता नूर-ए-अबद = eternal light
सीने की सियाही से नया हर्फ़ लिखा है हर्फ़ = word
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ये पैरहन जो मिरी रूह का उतर न सका
तो नख़-ब-नख़ कहीं पैवस्त रेशा-ए-दिल था
नख़-ब-नख़ = row by row, line by line, little by little
पैवस्त = absorb, attach
रेशा-ए-दिल = Fibre, nerve, vein of heart
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कभी धनक सी उतरती थी उन निगाहों में
वो शोख़ रंग भी धीमे पड़े हवाओं में
मैं तेज़-गाम चली जा रही थी उस की सम्त
कशिश अजीब थी उस दश्त की सदाओं में
वो इक सदा जो फ़रेब-ए-सदा से भी कम है
न डूब जाए कहीं तुंद-रौ हवाओं में
सुकूत-ए-शाम है और मैं हूँ गोश-बर-आवाज़
कि एक वा’दे का अफ़्सूँ सा है फ़ज़ाओं में
मिरी तरह यूँही गुम-कर्दा-राह छोड़ेगी
तुम अपनी बाँह न देना हवा की बाँहों में
नुक़ूश पाँव के लिखते हैं मंज़िल-ए-ना-याफ़्त
मिरा सफ़र तो है तहरीर मेरी राहों में
– फ़हमीदा रियाज़
(1946 – 2018)
धनक = rainbow
सम्त = path, direction
दश्त = forest
फ़रेब-ए-सदा = imposture, fraud, deceit of voice
तुंद-रौ = strong wind
सुकूत-ए-शाम = quiet of evening
गोश-बर-आवाज़ = ear on sound
अफ़्सूँ = charm, magic spell
गुम-कर्दा-राह = to lead astray, to mislead, to seduce
नुक़ूश = mark
मंज़िल-ए-ना-याफ़्त = unattained destination
तहरीर = writing, description, composition
(source, meanings: rekhta.org)