
सफ़र – नेहल
हरे दरख़्तो के चम्पई अंधेरोमें शाम के साये जब उतरते है रात की कहानी छेड देते है जुग्नूओं की महफ़िलमें। … Continue reading सफ़र – नेहल
हरे दरख़्तो के चम्पई अंधेरोमें शाम के साये जब उतरते है रात की कहानी छेड देते है जुग्नूओं की महफ़िलमें। … Continue reading सफ़र – नेहल
‘O Solitude! if I must with thee dwell’ O SOLITUDE! if I must with thee dwell, Let it not be … Continue reading O Solitude! – John Keats