सूर्य ग्रहन- नेहल

सूर्य ग्रहन- नेहल

  मेरे भीतर से उठ रहा है ख़लाओं का काला चाँद ढक रहा है मेरे सूरज को धीरे धीरे रंगों … Continue reading सूर्य ग्रहन- नेहल