इक लफ़्ज़-ए-मोहब्बत का – जिगर मुरादाबादी
इक लफ़्ज़-ए-मोहब्बत का अदना ये फ़साना है सिमटे तो दिल-ए-आशिक़ फैले तो ज़माना है ये किस का तसव्वुर है ये … Continue reading इक लफ़्ज़-ए-मोहब्बत का – जिगर मुरादाबादी
इक लफ़्ज़-ए-मोहब्बत का अदना ये फ़साना है सिमटे तो दिल-ए-आशिक़ फैले तो ज़माना है ये किस का तसव्वुर है ये … Continue reading इक लफ़्ज़-ए-मोहब्बत का – जिगर मुरादाबादी