नज़्म – अमीक़ हनफ़ी (સરળ ગુજરાતી ભાવાનુવાદ સાથે)
ज़ात का आईना-ख़ाना जिस में रौशन इक चराग़-ए-आरज़ू चार-सू ज़ाफ़रानी रौशनी के दाएरे मुख़्तलिफ़ हैं आईनों के ज़ाविए एक लेकिन … Continue reading नज़्म – अमीक़ हनफ़ी (સરળ ગુજરાતી ભાવાનુવાદ સાથે)
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