जश़्ने सुख़नगोई, ब्लोग के पाँचवे जन्मदिन पर…

जश़्ने सुख़नगोई, ब्लोग के पाँचवे जन्मदिन पर…

ये ज़रूरी है कि आँखों का भरम क़ाएम रहे नींद रक्खो या न रक्खो ख़्वाब मेयारी रखो ( मेयारी – qualitative) … Continue reading जश़्ने सुख़नगोई, ब्लोग के पाँचवे जन्मदिन पर…

अहमद फ़राज़ – ख़्वाब मरते नहीं

ख़्वाब मरते नहीं ख़्वाब मरते नहीं ख़्वाब दिल हैं न आँखें न साँसे कि जो रेज़ा-रेज़ा हुए तो बिखर जाएँगे … Continue reading अहमद फ़राज़ – ख़्वाब मरते नहीं

अहमद फ़राज़ – चुनिंदा अशआर

चुनिंदा अशआर शायद कोई ख्वाहिश रोती रहती है मेरे अन्दर बारिश होती रहती है। …. मैं चुप रहा तो सारा … Continue reading अहमद फ़राज़ – चुनिंदा अशआर