कितना अच्छा होता है – सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

कितना अच्छा होता है – सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

कुछ चुनी हुई पंक्तिआँ कुछ देर और बैठो अभी तो रोशनी की सिलवटें हैं हमारे बीच। उन्हें हट तो जाने … Continue reading कितना अच्छा होता है – सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

तुम्हारे साथ रहकर – सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

तुम्हारे साथ रहकर – सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

तुम्हारे साथ रहकर अक्सर मुझे ऐसा महसूस हुआ है कि दिशाएँ पास आ गयी हैं, हर रास्ता छोटा हो गया … Continue reading तुम्हारे साथ रहकर – सर्वेश्वरदयाल सक्सेना