चुनिंदा अशआर : ज़ेहरा निगाह

चुनिंदा अशआर : ज़ेहरा निगाह

मय-ए-हयात में शामिल है तल्ख़ी-ए-दौराँ जभी तो पी के तरसते हैं बे-ख़ुदी के लिए मय-ए-हयात = wine of existence, तल्ख़ी-ए-दौराँ … Continue reading चुनिंदा अशआर : ज़ेहरा निगाह