Meer Taqi Meer  मीर तक़ी मीर

Meer Taqi Meer मीर तक़ी मीर

इश्क़ में जी को सबरो-ताब कहां उससे आंखें लगें तो ख्वाब कहां हस्ती अपनी है बीच में पर्दा हम न … Continue reading Meer Taqi Meer मीर तक़ी मीर

जश़्ने सुख़नगोई, ब्लोग के पाँचवे जन्मदिन पर…

जश़्ने सुख़नगोई, ब्लोग के पाँचवे जन्मदिन पर…

ये ज़रूरी है कि आँखों का भरम क़ाएम रहे नींद रक्खो या न रक्खो ख़्वाब मेयारी रखो ( मेयारी – qualitative) … Continue reading जश़्ने सुख़नगोई, ब्लोग के पाँचवे जन्मदिन पर…

मीर तक़ी मीर

मीर तक़ी मीर  (1722-23  –   1810) उर्दू के पहले सबसे बड़े शायर जिन्हें ‘ ख़ुदा-ए-सुख़न, (शायरी का ख़ुदा) कहा जाता … Continue reading मीर तक़ी मीर