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आज का चुनिंदा अशआर
परवरिश-ए-लौह-ओ-क़लम = maintaining the pen & paper रक़म = writing, money, wealth
Read MoreDaily Musings : 85
सम्त = Direction, path.
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फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की शायरी
मुलाक़ात यह रात उस दर्द का शजर है जो मुझसे तुझसे अज़ीमतर है अज़ीमतर है कि उसकी शाख़ों में लाख मशअल-बकफ़ सितारों के कारवां, घिर के खो गए हैं हज़ार महताब उसके साए में अपना सब नूर, रो गए हैं यह रात उस दर्द का शजर है जो मुझसे तुझसे अज़ीमतर है मगर इसी रात…
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