ये ज़रूरी है कि आँखों का भरम क़ाएम रहे नींद रक्खो या न रक्खो ख़्वाब मेयारी रखो ( मेयारी – qualitative) राहत इंदौरी …….. तू शाहीं है परवाज़ है काम तेरा तिरे सामने आसमाँ और भी हैं (शाहीं= eagle) अल्लामा इक़बाल ब्लोग जगत के मेरे मित्रों, अपने ब्लोग के पाँच साल पूरे होने की खुशी…
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