आसमान जब मुझे अपनी बाँहों में लेता है और ज़मीन अपनी पनाहों में लेती है मैं उन दोनों के मिलन की कहानी लिख जाती हूँ, श्वास से क्षितिज बन जाती हूँ । दिशाएँ जब भी मुझे सुनती हैं हवाएँ जब भी मुझे छूती हैं मैं ध्वनि बन फैल जाती हूँ और छुअन से अहसास…
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