जब साज़ की लय बदल गई थी
वो रक़्स की कौन सी घड़ी थी
रक़्स- dance
अब याद नहीं कि ज़िंदगी में
मैं आख़िरी बार कब हँसी थी
जब कुछ भी न था यहाँ पे मा-क़ब्ल
दुनिया किस चीज़ से बनी थी
मा-क़ब्ल- before preceding, former
मुट्ठी में तो रंग थे हज़ारों
बस हाथ से रेत बह रही थी
है अक्स तो आइना कहाँ है
तमसील ये किस जहान की थी
तमसील- allegory, example
हम किस की ज़बान बोलते हैं
गर ज़ेहन में बात दूसरी थी
तन्हा है अगर अज़ल से इंसाँ
ये बज़्म-ए-कलाम क्यूँ सजी थी
अज़ल- eternity, beginning,बज़्म-ए-कलाम-assembly of poetry
था आग ही गर मिरा मुक़द्दर
क्यूँ ख़ाक में फिर शिफ़ा रखी थी
शिफ़ा- healing, cure
क्यूँ मोड़ बदल गई कहानी
पहले से अगर लिखी हुई थी
– परवीन शाकिर (1952-1994)
